इस बार शुरू होने वाली 3 ऑक्टोबर को शारदीय नवरात्रि बहुत खास होने वाली है। इस बार मां का आगमन महालक्ष्मी के रूप में हो रहा है। मां दुर्गा हाथी की पालकी पर सवार होकर आ रही है और उनकी अगवानी देवों के राजा इंद्र स्वयं ऐंद्र योग के रूप में कर रहे हैं।इस बार योग भी ऐसा हो रहा है कि तकरीबन 20 साल बाद नवरात्र के सभी 9 दिन के अलावा विजयदशमी तक शुभ योग है। इमेज चार स्वार्थ सिद्धि और दो बार रवि योग शामिल है। राशि के हिसाब से भी लोग खरीदारी करेंगे वही योग के हिसाब से सामान की खरीदारी फलदाई होगी। शुभ योग के चलते सोने चांदी बिजली के उपकरणों बर्तन और कपड़ा बाजार में तैयारियां शुरू हो गई है।

हाथी की सवारी यानी सारी खुशियां लाएंगी माता

हाथी पर सवार होकर आने का प्रभाव किवदंतियों के अनुसार ढेर सारी खुशियां। हाथी पर सवार होकर माता का आना साफ संकेत देता है कि देश में अन्न और धन का भंडार बढ़ने की संभावना है। और मां का वाहन  हाथी होना ज्ञान व समृद्धि का प्रतीक माना जाता है जिस वजह से लोगों के बिगड़े हुए काम बन जाएंगे माता रानी अपने भक्तों पर असीम कृपा बरसाएंगी।

मां दुर्गा के आगमन या विदाई का वाहन क्या होगा इसे दिन के अनुसार तय किया जाता है। इसलिए हर बार माता रानी की सवारी अलग-अलग होती है। इस बार शारदीय नवरात्रि की शुरुआत गुरुवार के दिन से हो रही है। ऐसे में माता रानी का वाहन इस बार पालकी रहेगा। मान्यता है कि नवरात्रि में मां दुर्गा जब धरती पर पालकी से आती हैं तो इसे अच्छा संकेत नहीं माना जाता है। माता रानी का पालकी पर आना चिंता का विषय है। यह अर्थव्यवस्था में गिरावट, व्यापार में मंदी, देश-दुनिया में महामारी और हिंसा की ओर संकेत करता है।यूं तो माता रानी का वाहन सिंह है, इसलिए मां दुर्गा को शेरावाली मां भी कहा जाता है। लेकिन नवरात्र के दिनों में मां दुर्गा पृथ्वीलोक वार के अनुसार सवारी बदल कर जाती हैं।

  • श्लोक के अनुसार, नवरात्रि का प्रारंभ सोमवार या रविवार से होता है, तो माता रानी हाथी पर आती हैं।
  • वहीं शनिवार और मंगलवार से नवरात्रि की शुरुआत हो तो मां अश्व यानी घोड़े पर सवार होकर आती है।
  • गुरुवार और शुक्रवार के दिन माता रानी डोली या पालकी पर आती हैं।
  • जबकि बुधवार के दिन से नवरात्रि की शुरुआत होने पर मां दुर्गा का आगमन नाव पर होता है।

माता रानी का पालकी पर आना शुभ संकेत नहीं माना जाता है।
घोड़े पर आना भी एक शुभ संकेत नहीं है।
वहीं हाथी पर आना बहुत शुभ संकेत माना जाता है।
नाव पर आना भी बेहद शुभ होता है।

इस बार नवरात्रि 12 अक्टूबर यानि शनिवार को समाप्त हो रहा है। इसलिए इस बार माता के वापस जाने का वाहन मुर्गा होगा।

क्या होगा असर

धर्म शास्त्रों में बताया गया है कि जब भी माता दुर्गा डोली पर सवार होकर आती है तो, देश-दुनिया पर इसका बुरा असर ही पड़ता है। माता का डोली पर सवार  होकर आना दुनिया में युद्ध की स्थिति पैदा कर सकता है। इसकी वजह से लोग हिंसक प्रदर्शन पर उतारू हो सकते हैं। माता के डोली पर आने से दुनिया भर में महामारी फैलने का खतरा भी बना रहता है। माता के डोली में आने के कारण लोगों के स्वास्थ्य भी ख़राब होने की संभावना बनी रहती है। डोली में आगमन के कारण कई देशों में अराजकता की स्थिति उत्पन्न हो जाती है और हिंसा होने की आशंका भी बनी रहती है।

शारदीय नवरात्रि की तिथि

  • 3 अक्टूबर 2024, गुरुवार – मां शैलपुत्री (पहला दिन) प्रतिपदा तिथि
  • 4 अक्टूबर 2024, शुक्रवार – मां ब्रह्मचारिणी (दूसरा दिन) द्वितीया तिथि
  • 5 अक्टूबर 2024, शनिवार – मां चंद्रघंटा (तीसरा दिन) तृतीया तिथि
  • 6 अक्टूबर 2024, रविवार – मां कुष्मांडा (चौथा दिन) चतुर्थी तिथि
  • 7 अक्टूबर 2024, सोमवार – मां स्कंदमाता (पांचवा दिन) पंचमी तिथि
  • 8 अक्टूबर 2024, मंगलवार – मां कात्यायनी (छठा दिन) षष्ठी तिथि
  • 9 अक्टूबर 2024, बुधवार – मां कालरात्रि (सातवां दिन) सप्तमी तिथि
  • 10 अक्टूबर 2024, गुरुवार – मां महागौरी (आठवां दिन) दुर्गा अष्टमी
  • 11 अक्टूबर 2024, शुक्रवार – महानवमी, (नौवां दिन) नवरात्र व्रत पारण
  • 12 अक्टूबर 2024, शनिवार – मां दुर्गा प्रतिमा विसर्जन, दशमी तिथि (दशहरा)

 


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By rahulyati

I would say that I’m creative, hard-working, and detail-oriented. I think that I’m an analytical, dependable, and responsible person. I’m very meticulous in my work. I also like to keep things very professional. I’m very direct in all of my communications, but I’m also careful not to hurt anyone’s feelings.I like to study new things. Being knowledgeable about (your field) or any subject is an ongoing process, and I’m always proactive about seeking new opportunities to develop and grow in my role. Those opportunities could be in the form of training, a conference, listening to a speaker, or taking on a new project, but the motivation is to increase my knowledge of the field.

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