वेब सीरीज के बवाल को लेकर नेटफलिक्स इंडिया का नया बयान।
जैसा कि ज्ञात हो नेटफ्लिक्स पर IC 814 हाईजैक को लेकर एक वेब सीरीज बनाई गई है जिसको लेकर काफी बवाल मचा हुआ है। सीरीज में यह देखने को मिला है फिल्म के निर्माता ने ISI को कम करके उनकी भूमिका को दिखाया था जैसे कि व्हाइट वॉश करना चाह रहा हो isi को, पर नेटफ्लिक्स ने अभी बयान जारी कर कहा है कि वह isi की भूमिका को दिखाएगा।सीरीज मे ये भी देखने को मिला है की टेररिस्ट का पूरा नाम सीरीज में कहीं नहीं दिखाया गया है जबकि उनका बदला हुआ परिवर्तित नाम शंकर और भोला पूरे सीरीज में दिखाया गया है। इस वेब सीरीज को देखने से ऐसा लगता है जैसे आतंकियों को मानवीय तरीके से दिखाया है और एक चीज इस सीरीज में देखने को मिली है की एक आतंकवादी एयर होस्टेस की मदद करता है। इन सब दिखाए हुए कहानियों को लेकर काफी बवाल मचा हुआ है ।
जैसा कि IC 814 कंधार हाईजैक 24 दिसंबर 1999 को हुआ था जिसको काठमांडू से दिल्ली आना था पर उसे डायवर्ट कर कंधार ले जाया गया जो तालिबानियों के कंट्रोल वाला छेत्र था ।
जब यह विमान हाईजैक हुआ था तब उसको 45 मिनट के लिए पंजाब में भी रोका गया था, और देश में भारतीय जनता पार्टी की तत्कालीन सरकार थी जिस पर आरोप लगा था कि उन्होंने तीन आतंकवादियों को छोड़ा था, हम आपको बताना चाहते हैं कि जब यह विमान हाईजैक हुआ था अपहरणकर्ता द्वारा, तब निश्चित ही भारत में तत्कालीन भाजपा की सरकार थी पर विमान को पंजाब में जब 45 मिनट के लिए रोका गया था उस समय की काँग्रेस की सरकार थी पंजाब में पर उन्होंने कोई एक्शन नहीं लिया।
आतंकियों के नाम बदले जाने को लेकर मचे बवाल के बीच अनुभव सिन्हा द्वारा निर्देशित इस शो में कई कलाकारों के नाम बदले गए थे, लेकिन कैटरीना के कोडनेम वही हैं जो वास्तविक जीवन की घटनाओं का इस्तेमाल करते थे। उस समय इस घटना पर बहुत अधिक वृत्तचित्र थे, जिसमें जीवित बचे लोगों, पायलट कैप्टन देवी शरण सिंह और अन्य सरकारी अधिकारियों के कई साक्षात्कार शामिल थे, और उन्होंने अपने साक्षात्कारों में जीन कोडनेम को याद किया था।
अनुभव सिन्हा द्वारा निर्देशित, छह एपिसोड की यह सीरीज 24 दिसंबर, 1999 को काठमांडू से दिल्ली के लिए उड़ान भरने के कुछ ही पलों बाद IC-814 फ्लाइट के अपहरण को दर्शाती है। एयरबस 300 को अमृतसर, लाहौर, दुबई और अंत में अफगानिस्तान के कंधार में ले जाया गया, जो तालिबान के नियंत्रण में था। छह दिनों की गहन बातचीत के बाद, अपहरण का अंत अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार द्वारा तीन खूंखार आतंकवादियों, मसूद अजहर, उमर सईद शेख और मुश्ताक अहमद जरगर को रिहा करने के साथ हुआ, बदले में विमान में सवार यात्रियों और चालक दल की सुरक्षा के लिए।