Site icon

Paralympic 2024 Deepti jeevanji : भारत के खाते में दिलवाया 16वां पदक

पैरा एथलीट दीप्ति जीवनजी ने पेरिस पैरालंपिक के छठे दिन भारत के खाते में एक कांस्य पदक दिलवाया।

दीप्ती जीवनजी  ने 400 मीटर दौड़ की टी 20 कैटेगरी में जीता।  यह कैटेगरी  बौद्धिक क्षमता वाले एथलीटों के लिए है और इस कैटेगरी में पैरालंपिक खेलों में भाग लेने वाली दीप्ति पहली भारतीय एथलीट है और उन्होंने पहली बार में ही कांस्य  पदक जीतकर इतिहास रच  दिया, उन्होंने रेस 55.82 सेकंड में पूरी की। तुर्किए की आयसेल ओंडर 55.23 सेकंड में रजत जीता, वही यूक्रेन की यूलिया सुलियर 55.16 सेकंड में स्वर्ण जीता।

इसी प्रकार से भारत के खाते में अब तीन स्वर्ण पांच रजत और आठ कांस्य है

परिवार में गरीबी होने के बाद भी माता  पिता का खूब समर्थन मिला 

दीप्ति का प्रारंभिक जीवन वित्तीय संघर्षों और सामाजिक पूर्वाग्रहों से भरा था। उनके माता-पिता तेलंगाना के वारंगल जिले के कलेडा गांव में  दिहाड़ी मजदूर थे जिन्हें गुजारा चलाने के लिए अपनी जमीन भी बेचनी पड़ी थी। कलेडा गांव में जन्मीं दीप्ति ने पैरा स्पोर्ट्स की दुनिया में उल्लेखनीय प्रभाव डाला है। बौद्धिक दुर्बलता और गरीबी सहित कई चुनौतियों का सामना करने के बावजूद, दीप्ति एक विश्व रिकॉर्ड धारक और कई लोगों के लिए प्रेरणा की किरण बन गई हैं।दीप्ति की बौद्धिक दुर्बलता के कारण शुरू में उनका उपहास उड़ाया गया। हालांकि, दीप्ति के माता-पिता उसके साथ खड़े रहे और उनके समर्थन ने दीप्ति की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

Exit mobile version