डीजी यात्रा फाउंडेशन निजी कंपनी है इसमें कुल मिलाकर प्राइवेट हाथों में गए पांच एयरपोर्ट की 73 % हिस्सेदारी शामिल है। डीजी यात्रा के एप के माध्यम से लगभग रोज 35000 यात्री गेट पर सिर्फ कॉन्टैक्टलेस, पेपरलेस, झंझट मुक्त एंट्री ले रहे हैं सिर्फ अपना चेहरा दिखा कर।
यात्रियों को तो शायद यह भी पता ही हो की फेशियल डाटा और ऐप से उनकी तमाम जानकारी एक निजी कंपनी डीजी यात्रा फाउंडेशन के हाथों में जा रही है। डीजी यात्रा एप 50 लाख से ज्यादा बार डाउनलोड हो चुका है इसमें लगभग 2.90 करोड़ यात्री अपने चेहरे का बायोमेट्रिक दे चुके है। यह कंपनी एक्ट 2013 की धारा 8 के तहत पंजीकृत है, 6 शेयर होल्डर है इस प्राइवेट कंपनी में ।इसमें दिल्ली मुंबई हैदराबाद बेंगलुरु और कोच्चि एयरपोर्ट की भी हिस्सेदारी है, और सबका हिस्सा लगभग 14.6 परसेंट है और यह एयरपोर्ट सम्पूर्ण रूप से निजी हाथों में हैं।सबसे बड़ी हिस्सेदारी 27 परसेंट की एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के पास है। डेटा की सुरक्षा पर डिजि यात्रा फाउंडेशन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुरेश खड़कभाभी कहते हैं कि डाटा हैंडलिंग और प्राइवेसी के बारे में हम पारदर्शिता, सुरक्षा और यूजर एंपावरमेंट की प्रतिबद्धता पर चलते हैं और जब डिजि यात्रा एप 2022 में शुरू किया गया था तब यह कंपनी की तरफ से दावा किया गया था कि डाटा शेयर नहीं करेंगे।
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