गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को केंद्र शासित प्रदेश अंडमान और निकोबार द्वीप समूह की राजधानी पोर्ट ब्लेयर का नाम बदलकर श्री विजय पुरम करने की घोषणा की। गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि यह फैसला देश को गुलामी के सभी प्रशन से मुक्त करने के लिए लिया गया है।शाह ने कहा कि अंडमान और निकोबार द्वीप समूह का भारत स्वतंत्रता संग्राम में “अद्वितीय स्थान” था।शाह ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के संकल्प से प्रेरित होकर देश को सभी प्रतीकों से मुक्ति दिलाने के लिए गृह मंत्रालय ने पोर्ट ब्लेयर का नाम स्मृति ‘श्री विजया पुरम’ करने का निर्णय लिया है। ‘श्री विजया पुरम’ नाम स्वतंत्रता के लिए हमारे संघर्ष और अंडमान और निको के योगदान को शामिल किया गया है।यह वह स्थान है जहां पर सरदार सुभाष चंद्र बोस ने पहली बार ध्वजारोहण किया था और जहां वीर सावरकर और अन्य स्वतंत्रता सेनानियों ने गुप्त जेल में मां भारती की रक्षा के लिए संघर्ष किया था।
पोर्ट ब्लेयर का नाम ब्रिटिश नेवी सर्वेक्षक और बॉम्बे मरीन में लेफ्टिनेंट आर्चीबाल्ड ब्लेयर का नाम रखा गया था, जो 1770 के दशक के अंत में अंडमान द्वीप ग्रुप के गहन सर्वेक्षक बनने वाले पहले अधिकारी थे।ऐसा माना जाता है कि 11वीं शताब्दी ई. के बाद कई नौसैनिक दावों के बाद चोलों ने इसके बंदरगाहों पर कब्जा कर लिया था। इसके आसपास इस साम्राज्य का पतन हो गया था।कुछ ऐतिहासिक अभिलेखों से पता चलता है कि 11वीं शताब्दी के चोल शासक प्रथम ने श्रीविजय पर हमला करने के लिए अंडमान द्वीप समूह को एक आदर्श नौसैनिक आक्रमण के रूप में इस्तेमाल किया था। शाह नें कहा हमारे देश की समृद्धि और इतिहास में यह द्वीप एक अनोखा स्थान है। चोल साम्राज्य में नौसैनिक सुरक्षा और विकास को गति देने के लिए यह आज का देश है।
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