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India gets 29 medals in Paralympics, 5 times more than Olympics

आइए एक नजर डालते है ओलिम्पिक और पैरालिंपिक में जीते गए मेडेलों पर

ओलिंपिक- 117 एथलीट.. 0 स्वर्ण 1 रजत 5 कांस्य जीत पाए

पैरालिंपिक- 84 एथलीट.. 7 स्वर्ण 9 रजत 13 कांस्य जीत लिए

भारत ने इतिहास में पैरालिंपिक  का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है। पेरिस पैरालिंपिक  में भारत ने अपना अभियान कल 29 मेडल के साथ समाप्त किया। पिछली बार से इस बार देश को 10 मेडल ज्यादा मिले। टोक्यो  में कुल 29 पदकों के साथ भारत 24 वे स्थान पर रहा था। भारत ने इस बार पहली बार टॉप 20 देश में फिनिश किया।

 

नए ट्रेनर्स अच्छा इंफ्रास्ट्रक्चर साइकोलॉजिकल ट्रेनिंग से लाभ

पैरालिंपिक 2016 में भारत ने दो गोलड समेत चार मेडल जीते इसके बाद सभी का ध्यान इन खेलों की ओर गया। इसी दौरान रियो ओलंपिक 2016 में देश को सिर्फ तीन पदक मिलने से निराश थी। 2016 में पैरालिंपिक एथलीट्स से प्रधानमंत्री ने मुलाकात की थी। तब तक देश में दिव्यांगों के सशक्तिकरण के लिए सुगम्य  अभियान भी शुरू हो चुका था।

दीपा मलिक 2020 में पैरालिंपिक  कमिटी की प्रेसिडेंट बनने  के बाद इन खेलों को मेन स्ट्रीम में लाई। पैरा एथलीट्स को सोशल मीडिया पर ब्लू टिक भी दिलवाई  ताकि लोग उन्हें जाने। नए प्रशिक्षकों को ट्रेन किया देश में वर्ल्ड लेवल के पैरा  इवेंट्स करवा खिलाड़ियों की साइकोलॉजिकल ट्रेनिंग पर भी खास ध्यान दिया, ऐसे कई खिलाड़ी थे जो अपने माता-पिता या परिवार के बिना विदेश नहीं जाना चाहते थे जबकि सरकार से सिर्फ एक सपोर्टर की राशि मिलती । है इन्होंने फेडरेशन के खर्चे पर इन एथलीट्स के साथ उतने  साथी भेज जितनी उन्हें जरूरत थी, ताकि खिलाड़ी अच्छा महसूस कर सके और इसी दौरान मौजूदा सरकार और मंत्रालय भी पैरा  एथलीट्स को बराबर का सहयोग करने लगे। देश में पैरा  खिलाड़ियों के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर काफी बेहतर हुआ है पहले से और अब तो खेलो इंडिया पैरा गेम्स भी शुरू हो चुका है आज इसी का नतीजा दिख रहा है मेडल के रूप में।

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